हां, भारतीय कानून के तहत, आम जनता कुछ शर्तों के अधीन न्यायालयों से निर्णयों की प्रमाणित प्रतियां प्राप्त कर सकती है। यह इस प्रकार काम करता है: किसी मामले के पक्षकार प्रमाणित प्रतियों के लिए सीधे आवेदन कर सकते हैं। गैर-पक्षकार (आम जनता) को वैध कारण दिखाना होगा और न्यायालय से अनुमति लेनी होगी। कानूनी आधार: उच्च न्यायालय नियम, सिविल प्रक्रिया संहिता और दंड प्रक्रिया संहिता द्वारा शासित। सुप्रीम कोर्ट नियम, 2013 पक्षकारों और तीसरे पक्षकारों (अनुमति के साथ) द्वारा प्रमाणित प्रति आवेदन की अनुमति देता है। प्रक्रिया: संबंधित न्यायालय के प्रतिलिपि अनुभाग में आवेदन जमा करें। कुछ न्यायालयों में, यह ऑनलाइन किया जा सकता है (उदाहरण के लिए, ई-कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के माध्यम से)। न्यायालय के नियमों के अनुसार शुल्क का भुगतान किया जाना चाहिए। नोट: कुछ निर्णय निम्नलिखित वेबसाइटों पर निःशुल्क उपलब्ध हैं: सर्वोच्च न्यायालय: [www.sci.gov.in](https://www.sci.gov.in) उच्च न्यायालय: संबंधित उच्च न्यायालय की वेबसाइटें ई-न्यायालय: [https://ecourts.gov.in](https://ecourts.gov.in) लेकिन आधिकारिक प्रमाणित प्रति के लिए, विशेष रूप से कानूनी उपयोग के लिए, आपको औपचारिक रूप से आवेदन करना होगा।
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