भारतीय संविधान के अनुच्छेद 141 में कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा घोषित कानून भारत के क्षेत्र के भीतर सभी न्यायालयों पर बाध्यकारी होगा। अर्थ: जब सर्वोच्च न्यायालय संविधान या किसी कानून की व्याख्या करते हुए कोई निर्णय देता है, तो वह व्याख्या आधिकारिक कानूनी सिद्धांत बन जाती है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित इस सिद्धांत या नियम का पालन भारत में अन्य सभी न्यायालयों (उच्च न्यायालय, निचली अदालतें) द्वारा किया जाना चाहिए। यह पूरे देश में कानून के अनुप्रयोग में एकरूपता और स्थिरता सुनिश्चित करता है। कोई भी अन्य न्यायालय उसी मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय के कानूनी फैसलों की अवहेलना या उनका खंडन नहीं कर सकता। इस सिद्धांत को “बाध्यकारी मिसाल” या “स्टारे डेसिसिस” कहा जाता है। व्यावहारिक प्रभाव: यदि सर्वोच्च न्यायालय किसी क़ानून या संवैधानिक प्रावधान की व्याख्या करता है, तो सभी न्यायालयों को भविष्य के मामलों में उस व्याख्या को लागू करना चाहिए। निचली अदालतों को सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसलों का पालन करना चाहिए, भले ही वे असहमत हों। केवल सुप्रीम कोर्ट या विधायिका ही उस कानून को बदल सकती है। सारांश: अनुच्छेद 141 सुप्रीम कोर्ट के कानूनी फ़ैसलों को भारत की सभी अदालतों पर अंतिम और बाध्यकारी बनाता है, जिससे एक एकीकृत और सुसंगत कानूनी प्रणाली सुनिश्चित होती है।
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