नहीं, आरटीआई अधिनियम, 2005 के तहत गुमनाम रूप से आरटीआई आवेदन दायर नहीं किया जा सकता। कारण: आरटीआई अधिनियम की धारा 6(2) में कहा गया है कि आवेदक को सूचना मांगने के लिए कारण बताने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन उसे अपना नाम और संपर्क विवरण देना होगा। जन सूचना अधिकारी (पीआईओ) को पता होना चाहिए कि उत्तर किसको भेजना है, इसलिए आवेदक की पहचान आवश्यक है। अधिनियम में अनिवार्य किया गया है कि आरटीआई आवेदन पर हस्ताक्षर करके आवेदक के नाम और पते के साथ प्रस्तुत किया जाए। हालांकि, यहां दो व्यावहारिक विकल्प हैं: आप किसी और से अपनी ओर से आरटीआई दाखिल करने के लिए कह सकते हैं। आप आरटीआई कार्यकर्ता समूहों या गैर सरकारी संगठनों से संपर्क कर सकते हैं जो इसे अपने नाम से दाखिल करते हैं। निष्कर्ष: आरटीआई कानून के तहत गुमनाम रूप से दायर नहीं किया जा सकता है, लेकिन आप किसी अन्य व्यक्ति या संगठन के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से दायर करके अपनी पहचान की रक्षा कर सकते हैं।
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